दशहरा पूजा को लेकर स्कूलों में छुट्टियों से पहले दशहरा सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल के बच्चों ने महादेवी मां दुर्गा का प्रचंड रूप बनकर समाज में हो रहे औरतों-बहू और बेटियों पर अत्याचार आज के युग में आम महिलाओं और युवतियों पर कहीं एसिड अटैक हो रहे हैं, तो कहीं निरंतर हत्याएं-बलात्कार हो रहे और कहीं तलाश-दहेज उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं। इसके खिलाफ स्कूल के सभी बच्चों के बीच यह संदेश दिया गया। मां दुर्गा का हर रूप हर महिलाओं के अंदर होता हैं। वही और भी बच्चों ने शुरू से लेकर रामायण के अलग-अलग कार्यक्रम राम, लक्ष्मण, सीता, भरत एवं शत्रुघ्न का रूप बने, मां दुर्गा का प्रचंड रूप बने, राधा कृष्ण बने, कहीं सीता हरण तो कहीं सूपनेखा का नाक काटने वाला दृश्य, तो कहीं वृक्ष के नीचे मां सीता एवं त्रिजटा के समझाने वाले वाक्य का वर्णन करते हुए तथा अंत में असत्य पर सत्य की जीत रावण का वध करते हुए सभी पाठ्यक्रम किए गए। इस बीच स्कूल के प्रिंसिपल अजीत कुमार सिंह ने दशहरा पूजा की सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा नवरात्र सिर्फ पूजा और अनुष्ठान का पर्व ही नहीं है, बल्कि नारी शक्ति को सेलिब्रेट करने का अवसर भी है। मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की अपार शक्ति नारी सशक्तीकरण का प्रतीक है। वही स्कूल के प्रमुख शिक्षक सह जिला मुख्य प्रवक्ता युवा जदयू सारण के परमजीत सिंह कुशवाहा ने सभी को धन्यवाद देते हुऐ कहा कि आज की नारी अंतरिक्ष से लेकर राजनीति तक सारे क्षेत्रों में अपनी काबिलियत साबित कर रही है। कहा भी गया है- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता… यानी जहां स्त्री का आदर-सम्मान होता है, उनकी अपेक्षाओं की पूर्ति होती है, उस स्थान, समाज, तथा परिवार पर देवतागण प्रसन्न रहते हैं। ठीक इसी प्रकार आज की कर्मठ नारी भी जहां बसती है वहां देवता का वास होता है। नारी शक्ति के इसी रूप को दुर्गा पूजा के रूप में मनाने की बात कहलाती हैं। आज की नारी में कुछ कर गुजरने की अभूतपूर्व क्षमता है और वह हर कठिनाई से पार पाने में सक्षम है। इस अवसर पर स्कूल के सभी शिक्षक विश्वजीत कुमार सिंह, परमेन्द्र कुमार सिंह, झिसी सिंह, ललित कुमारी, नेहा सिंह , पुस्तक सिंह, झिसी कुमारी इत्यादि स्कूल के सभी बच्चे मौजूद थे।
